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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www. kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir | कार्यठिईए, अंतरं सव्वं जहा जीवाभिगमे, अध्याबहुगाणि तिन्नि जहा बहुवत्तव्वयाए, केवतिया णं भंते! आभिणिबोहियणाणपजवा | पं०?, गोयमा ! अनंता आभिणिबोहियणाणपज्जवा पं०, केवतिया णं भंते! सुयनाणपज्जवा पं०?, एवं चेव, एवं जाव केवलनाणस्स, एवं मइअन्नाणस्स सुयअन्नाणस्स, केवतिया णं भंते! विभंगनाणपज्जवा पं०?, गोयमा ! अनंता विभंगनाणपज्जवा पं०, एएसिं णं भंते! आभिणिबोहियनाणपज्जवाणं सुयनाण० ओहिनाण० मणपजवनाण० केवलनाणपजवाण य कयरे जाव विसेसाहिया वा?, गोयमा ! सव्वत्थोवा मणयज्जवनाणपज्जवा ओहिनाणपजवा अनंतगुणा सुयनाणपज्जवा अनंतगुणा आभिणिबोहियणाणपज्जवा अनंतगुणा केवलनाणपजवा अनंतगुणा, एएसिं णं भंते! भइ अन्नाणपज्जवाण सुयअन्नाण० विभंगनाणपजवाण य कयरे जाव विसेसाहिया वा?, गोयमा ! सव्वत्थोवा विभंगनाणपजवा सुवनाणपजवा अनंतगुणा मइअन्नाणपजवा अनंतगुणा, एएसिं णं भंते! आभिणि-बोहियनाणपज्जवाणं जाव केवलनाणप० मइअन्नाणप० सुयअन्नाणप० विभंगनाणप० कयरे० विसेसाहिया वा?, गोयमा ! सव्वत्थोवा मणपज्जवणाणपज्जवा विभंगनाणपज्जवा अनंतगुणा ओहिणाणपज्जवा अनंतगुणा सुयअन्नाणपज्जवा अनंतगुणा सुयनाणयज्जवा विसेसाहिया मइअन्नाणपज्जवा अनंतगुणा आभिणिबोहियनाणपजवा विसेसाहिया केवलणाणपजवा अनंतगुणा । सेवं भंते! सेवं भंते! त्ति ॥ ३२२ ॥ २०८३० २ ॥ कड़विहा णं भंते! रुक्खा पं०?, गोयमा तिविहा रुक्खा पं० तं०-संखेज्जजीविया असंखेज्जजीविया अनंतजीविया, से किं तं ॥ श्रीभगवती सूत्रं ॥ २४५ पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal Use Only
SR No.021005
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Pragnapti Sutra Part 01 Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages300
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size6 MB
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