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अन्नाा नियमा, सिद्धा णं भंते! पुच्छा, गोयमा! णाणीनो अन्नाणी, नियमा एगनाणी केवलनाणी ॥ ३१७॥ नित्यगइया णं भंते!|| जीवा किं नाणी अन्नाणी?, गोयमा! नाणीवि अन्नाणीवि, तिन्नि नाणाई नियमा तिन्नि अन्नाणाई भयणाए, तिरियगइया णं भंते!|| जीवा किं नाणी अन्नाणी? गोयमा! दो नाणा दो अन्नाणा नियमा, मणुस्सगइया णं भंते! जीवा किं नाणी अन्नाणी?, गोयमा! तिन्नि नााई भयणाए दो अन्नाणाई नियमा, देवगतिया जहा निरयगतिया, सिद्धगतिया गंभंते! जहा सिद्धासइंदिया णं भंते! जीवा किं| नाणी अन्नाणी?, गोयमा! चत्तारि नाणाई तिन्नि अन्नााई भयणाए, एगिदिया णं भंते! जीवा किं नाणी०?, जहा पुढवीकाइया, बेइंदियतेइंदियचरिदियाणं दो नाणा दो अनाणा नियमा, पंचिंदिया जहा सझंदिया, अणिंदिया णं भंते! जीवा नाणी०?, जहा सिद्धा। सकाइया णं भंते! जीवा कि नाणी अन्नाणी?, गोयमा! पंच नाणाणि तिन्नि अन्नाणाई भ्यणाए, पुढवीकाइया जाव वणस्सइकाइया नो नाणी अन्नाणी नियमा दुअन्नाणी, तं० मतिअन्नाणी य सुयअन्नाणीय, तसकाइया जहा सकाइया, अकाइयाणं भंते! जीवा किं| नाणी०? जहा सिद्धा, सुहमा णं भंते! जीवा किं नाणी०?, जहा पुढवीकाइया, बादराणं भंते! जीवा किं नाणी०?, जहा सकाइया, नोसहमानोबादरा णं भंते! जीवा० जहा सिद्धारोपजत्ता णं भंते! जीवा किं नाणी०?, जहा सकाइया, पज्जत्ता णं भंते! नेइया किं नाणी?, तिन्नि नाणा तिन्नि अन्नाणा नियमा, जहा नेरइए एवं जाव थणियकुमारा, पुढवीकाइया जहा एगिदिया, एवं जाव चउरिदिया, पज्जत्ता णं भंते! पंचिंदियतिरिक्खजोणिया किं नाणी अन्नाणी?, तिन्नि नाणा तिन्नि अन्नाणा भयणाए, मणुस्सा जहा सकाइया, ॥ श्रीभगवती सूत्र।
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पू. सागरजी म. संशोधित
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