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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पोग्गला कइविहा पं०?, गोयमा! दुविहा पं० २० सुहुमपुढविधाइयएगिंदियपओगपरिणया बादरपुढवीकाइयएगिदियपयोगपरिणया,|| आउकाइयएगिंदियपओगपरिणया एवं चेव, एवं दुपयओ भेदो जाव वणस्सइकाइयाणं, बेइंदियपयोगपरिणयाणं पुच्छा, गोयमा! अणेगविहा पं० २०- एवं तेइंदियचरिदियपओगपरिणयावि, पंचिदियपयोगपरिणयाणं पुच्छ।, गोयमा! चव्विहा पं० २० नेरइयपंचिंदियपयोगपरिणया तिरिक्ख० एवं भणुस्स० देवपंचिंदिय०, नेरइयपंचिंदियपओग० पुच्छा, गोयमा! सत्तविहा पं० २०रयणप्पभापुढवीनेरइयपयोगपरिणयावि जाव अहे सत्तमपुढवीनेरइयपंचिंदियपयोगपरिणयावि, तिरिक्खजोणियपंचिंदियपओगपरिणयाणं पुच्छ।, गोयमा! तिविहा पं० २०-जलचरपंचिंदियतिरिक्खजोणिय० थलचरपंचिंदियतिरिक्खजोणिय० खहचरपंचिंदियतिरिक्ख०, जलयरतिरिक्खजोणियपओगपुच्छा, गोयमा! दुविहा पं० ० संमुच्छिमजलयर० गब्भवतियजलयर०, थलयतिरिक्व० पुच्छा, गोयमा! दुविहा पं० २०-चउप्पयथलयर० परिसप्पथलयर०, चउथ्ययथलयर० पुच्छा, गोयमा! दुविहा पं०२०संमुच्छिमच्उप्पयथ्लयर० गब्भवहंतियचउप्पयथलय३०,एवं एएणं अभिलावेणं परिसप्पा दुविहा पं० २०-उरपरिसप्पा य भुयपरिसध्या य, उरपरिसप्पा दुविहा पं० २०- संभुच्छ। य गब्भवक्कंतिया य, एवं भुयपरिसप्पावि, एवं खहयावि, मणुस्सपंचिंदियपयोगपुच्छा, गोयमा! दुविहा पं० २०-संभुच्छिममणुस्स० गब्भवक्कंतियमणुस्स०, देवपंचिंदियपयोगपुच्छा, गोयमा! चव्विहा पं० तं०-1 भवणवासिदेवपंचिंदियपयोग एवं जाव वेभाणिया, भवणवासिदेवपंचिंदियपुच्छा, गोयमा! दसविहा पं००-असुरकुमारा जाव ॥ श्रीभगवती सूत्र॥ | पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal Use Only
SR No.021005
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Pragnapti Sutra Part 01 Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages300
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size6 MB
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