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|॥३७॥से नूणं भंते! जे महावेयणे से महानिरे जे महानिजरे से महावेदणे, महावेदणस्सय अपवेदणस्स य से सेए जे पसत्थनिजराए?,|| हंता गोयमा! जे महावेदणे एवं चेव, छट्ठसत्तमासु णं भंते! पुढवीसु नेरइया महावेया? हंता महावेयणा, ते णं भंते! समणेहितो | महानिजरता?,
__ गोयमा! णो तिणटे समढे, से केण्टेणं भंते! एवं वुच्चइ जे महावेदणे जाव पसत्थनिजतराए?. गोयमा! से जहानामए दुवे वत्या, सिया० एगे वत्थे कद्दभरागरते एगे वत्थे खंजणगिरने, एएसिणं गोयमा! दोण्हं वत्थाणं कयरे वत्थे दुधोयतराए चेव दुवामतराए चेव दुपरिकम्मतराए चेव? कायरे वा वत्थे सुधोयतराए चेव सुवाभतराए चेव सुपरिकम्मतराए चेव?, जे वा से वत्थे कद्दभरागत्ते जे वा से वत्थे खंजणरागत्ते?. भगवं ! तत्थ णं जे से वत्थे कद्दभरागरने से णं वत्थे दुधोयतराए चेव दुवामतराए चेव दुष्परिकम्मतराए चेव, एवामेव गोयमा! नेरइयाणं पावाई कम्पाइं गाढीकयाई चिक्कणीकयाई सिलिटिकियाई खिलीभूयाइं भवंति संपगाढंपिय णं ते वेदणं वेदेभाणा णो महानिज्जरा णो महापज्जवसाणा भगवंति, से जहा वा केई पुरिसे अहिंगरणी आकोडेमाणे महया २ सद्देणं भहया २ घोसेणं महया २ परंपराधाए णो संचाएइ तीसे अहिगरिणीए केई अहाबायरे पोग्गले परिसाडितए, एवामेव गोयमा! नेरइयाणं वाई| कमाई गाढीकयाई जावणो महापजवाणा भवंति, भगवं! तत्थ् जे से वत्थे खंजणगरत्ते से गंवत्थे सुधोयतराए चेव सुवामत | चेव सुपरिकम्मतराए चेव, एवामेव गोयमा! सभणाणं निग्गंथाणं अहाबायराइंकाई सिढिलीकयाई निट्ठियाई कडाई विपरिणामियाई। ॥ ॥ श्रीभगवती सूत्र ।।
| पू. भागरजी म. संशोधित
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