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कमति, एवं जाव असंखेजपएसिओ, अणंतपदेसिए णं भंते! खंधे असिधारं वा खुरधारं वा ओगाहेजा?,हंता ओगाहेजा,सेणं तत्थ छिज्जेज वा भिजेज वा ?, गोयमा ! अत्थेगतिए छिज्जेज वा भिजेज वा अत्थेगतिए नो छिज्जेज वा, नो भिजेज वा एवं अगणिकायस्स मझूम-झेणं तहिं णवरं झियाएजा भाणितव्वं,एवं पुक्खलसंवट्टास्स महामेहस्स म-झंभन्ड्रेणं तहिं उल्ले सिया०,एवं गंगाए महाणदीए पडिसोयं हव्वमागच्छेजा, तहिं विणिहायमावजेजा०, उदगावत्तं वा उदगबिंदु वा ओगाहेजा से णं तत्थ परियावजेजा० २१३। परमाणुपोगले णं भंते! किं सअड्ढे समझे सपएसे उदाहु अणड्ढे अमझे अपएसे?, गोयमा! अगड्ढे अभझे अपएसे नो सअड्ढे नो समजे नो सपएसे, दुपदेसिए णं भंते ! खंधे किं सअद्ध समझे सपदेसे उदाह अणद्धे अमझे अपदेसे ?, गोयमा! सअद्ध अमझे सरदेसे णो अणद्धे णो समझे णो अपदेसे, तिपदेसिए णं भंते ! खंधे पुच्छा, गोयमा! अणड्ढे समझे सपदेसे नो सअद्धे को अमझे। नोअपदेसे, जहा दुपदेसिओ तहा जे समा ते भाणियव्वा, जे विसमा ते जहा तिपएसिओ तहा भाणियव्वा, संखेजपदेसिए णं भंते! खंधे किं सअड्ढे ०?, पुच्छा, गोयमा! सिय सअद्धे अमझे सपदेसे सिय अगड्ढे समझे सपदेसे, जहा संखेज्जपदेसिओ तहा असंखेजयदेसिओऽवि अणतपएसिओऽवि । २१४। परमाणुपोग्गले णं भंते! परमाणुपोग्गलं फुसमाणे किं देसेणं देसं फुसइ देसेज देसे फुसइ देसेणं सव्वं फुसइ देसेहिं देसं फुसति देसेहिं देसे फुसइ देसेहिं सव्वं फुसइ सवेणं देसं फुसति सव्येणं देसे फुसति सव्वेणं सब्वं फुसइ?, गोयमा! णो देसेणं देसं फुसइयो देसेड देसे फुसति णो देसेण स फुसी देसहि देसं फुसति ना देसहि देस फमद
श्रीभगवनी ॥
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