SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 24
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir |चेवणं से पुढवीकाइए पुढवीकाइयत्तं दिपजहमाणे पुढवीकाइयत्ताए वाणापुढवीकाइयत्ताए वा गच्छेज्जा, एवं जाव मणुस्सा १७८|| दुविहा नेरइया पन्नत्ता, तंजहा-भवसिद्धिया चेव अभवसिद्धिया चेव, जाव वेमाणिया १, दुविहा नेरइया पं००- अणंतरोववन्नगा चेव परंपरोववन्नगा चेव जाव वेमाणिया २, दुविहाणेरड्या पं०२०-गतिसमावन्नगा चेव अगतिसमावन्नगा चेव, जाव वेमाणिया ३, दुविहा नेरइया पं०२०- पढमसमओववन्नगा चेव अपढमसमओववन्नगा चेव जाव वेभाणिया ४, दुविहा नेरइया पं०२०- आहारगा चेव अणाहारगा चेव, एवं जाव वेमाणिया ५, दुविहाणेरड्या पं०२०- उस्सासगा चेव णोउस्सासगा चेव जाव वेमाणिया ६, दुविहा नेरइया पं०२०- सइंदिया चेव अणिंदिया चेव, जाव वेमाणिया ७, दुविहा नेरइया पं००-पजत्तगा चेव अपज्जत्तगा चेव, जाव वेमाणिआ ८, दुविहा नेरइया पं०२०-सन्नी चेव असन्नी चेव, एवं पंचेंदिया सव्वे विगलिंदियवज्जा, जाव वाणमंतरा (वेमाणिया)९, दुविहा नेइया पं००-भासगाचेव अभासगा चेव, एवमेगिंदियवजासचे १०, दुविहा नेरइया पं०२०-सम्भहिट्ठीया चेव मिच्छद्दिट्ठीया चेव, एगिंदियवजा सव्वे ११, दुविहा नेरइया पं०२०- परित्तसंसारिता चेव अणंतसंसारिया चेव, जाव वेमाणिया १२, दुविहा नेरइया ५०० संखेजकालसमयहि तीया (संखेजकालठिइया पा०) चेव असंखेजकालसमयहिती या चेव, एवं पंचेंदिया एगिदियविगलिंदियवजा जाव वाणमंतरा १३, दुविहा नेरइया पं००-सुलभबोध्यिा चेव दुल्लभबोधिया चेव, जाव वेमाणिया १४, दुविहा नेरच्या पं०२०- कण्हपक्खिया चेव सुक्कपक्खिया चेव, जाव वेमाणिया १५, दुविहा नेरइया पं००- चरिमा चेव अचरिमा । ॥ श्रीस्थानाङ्ग सूत्र ॥ | पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal
SR No.021003
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages221
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_sthanang
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy