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अणंता पन्नत्ता जाव एगगुणलुक्खा पोग्गला अणंता पन्नत्ता १५६ । एकस्थानकाध्ययनम् १ ॥ ॥ जदत्थि (जहत्थि च पा०) णं लोगे तं सव्वं दुपओआरं (दुपडोयारं पा०) तं० जीवच्चेव अजीवच्चेवोतसे चेव थावरे चेव १, सजोणियच्चेव अजोणियच्चेव २, साउयच्चेव अणाउय चेव ३, सइंदियच्चेव (च्चेय पा०) अणिंदिए चेव ४, सवेयगा चेव अवेया चेव५,सरूविचेव अरूविचेव६,सपोग्गला चेव अपोग्गला चेव ७, संसारसमावन्नगाचेव असंसारसमावन्नगा चेव ८,सासया चेव असासया चेव ९१५७ आगाा चेव नोआगासा चेव, धमे चेव अधमे चेव ।५८ बंधे चेव मोक्खे चेव १ पुन्ने चेव पावे चेव २ आसवे चेव संवरे चेव ३ वेयणा चेव निजरा चेव ४१५९दो किरियाओ पन्नत्ताओ, तंजहा जीवकिरिया चेव अजीवकिरिया चेव (चिय पा०)१, जीवकिरिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहासम्मत्तकिरिया चेव मिच्छत्तकिरिया चेव २, अजीवकिरिया दुविहा पन्नत्ता, तं०ईरियावहिया चेव संपराइया चेव ३, दो किरियाओ पं०२०-काइया चेव अहिगरणिया चेव ४, काइया किरिया दुविहा पन्नत्ता तं०-1 अणुवयकायकिरिया चेव दुप्पउत्तकायकिरिया चेव ५, अहिकरणिया किरिया दुविहा पन्नत्ता, तं० -संजोयणाधिकरणिया चेव |णिवत्तणाधिकरणिया चेव ६, दो किरियाओ पं०२०-पाउसिया चेव पारियावणिया चेव ७, पाउसिया किरिया दुविहा पं००जीवपाउसिया चेव अजीवपाउसिया चेव ८, पारियावणिया किरिया दुविहा पं० २०-सहत्थपारियावणिया चेव परहत्थपारियावणिया चेव ९, दो किरियाओ पं० २०-पाणातिवायकिरिया चेव अपच्चक्खाणकिरिया चेव १०, पाणातिवायकिरिया दुविहा पं०० - || ॥श्रीस्थानाङ्ग सूत्र ।
| पू. सागरजी म. संशोधित
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