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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobaith.org Acharya Shri Kalashsageszi Gyarmandie एगे नाणे, एगे दंसणे, एगे चरित्ते । ४३१ एगे समए । ४४। एगे पएसे, एगे परमाणू । ४५१एगा सिद्धी, एगे सिद्धे, एगे परिनिव्वाणे, एगे परिनिव्वुए । ४६१एगे सहे, एगे रूवे, एगे गंधे, एगेरसे, एगे फासे, एगे सुब्भिसद्दे, एगे दुब्भिसद्दे, एगे सुरूवे, एगे दुरूवे, एगे दीहे, एगे हस्से (प्र० रहस्से ), एगे वट्टे, एगे तंसे, एगे चउरंसे, एगे पिहले० एगे परिमंडले, एगे किण्हे, एगे णीले, एगे लोहिए, एगे हलिहे, एहे सुकिल्ले, एगे सुब्भिगंधे, एगे दुब्भिगंधे, एगे तित्ते, एगे कडुए, एगे कसाए, एगे अंबिले, एगे महरे, एगे कक्खडे जाव लुक्खे ॥४७॥ एगे पाणातिवाए जाएगे परिग्गहे, एगेकोधे जाव लोभे, एहे पेजे एगे दोसे जाएगेपरपरिवाए, एगा अतिरती, एगेमायामोसे, एगे मिच्छादसणसल्ले । ४८ एगे पाणाइवायवेरमणे जाव परिग्गहवेरमणे, एगे कोहविवेगे जाव मिच्छादसणसल्लविवेगे। ४९। एगा| ओसप्पिणी, एगा सुसमसुसमा जाव एगा दूसमदूसमा, एगा उस्सप्पिणी एगा दुस्समदुस्समा जाव एगा सुसमसुसमा । ५०। एगा नेरइयाणं वग्गणा, एगा असुरकुमाराणं वग्गणा, चवीसादडओ जाव वेमाणियाणं वग्गणा १, एगा भवसिद्धियाणं वग्गणा एगा अभवसिद्धियाणं वग्गणा एगा भवसिद्धिनेरइयाणं वग्गणा एगा अभवसिद्धियाणं रतियाणं वग्गणा, एवं जावएगा भवसिद्धियाणं वेमाणियाणं वग्गणा एगा अभवसिद्धियाणं वेमाणियाणं वग्गणा २, एगा सम्महिट्ठियाणं वग्गणा एगा मिच्छद्दिहियाणं गणा, एगा सम्मामिच्छदिठ्ठियाणं वग्गणा, एगा सम्मदिट्ठियाणं णेरइयाणं वग्गणा एगा मिच्छदिठ्ठियाणं णेरइयाणं वग्गा एगा| सम्ममिच्छद्दिट्ठियाणं णेरइयाणं वग्गणा, एवं जाव थणियकुमाराणं वग्गणा, एगा मिच्छादिट्ठियाणं पुढविक्काइयाणं वग्गणा एवं ॥ ॥ श्रीस्थानाङ्ग सूत्र ॥ पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal
SR No.021003
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages221
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_sthanang
File Size14 MB
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