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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailasagasari Garmandie असिपत्तसमाणे जाव कलंबचीरितापत्तसमाणे, ३१ चत्तारि कडा पं०० - सुंबकडे विदलकडे चम्मकडे कंबलकडे, ३२ एवामेव|| चत्तारि पुरिसजाया पं०० - सुंबदलकडसमाणे जाव कंबलक्डसमाणे ३३ १३४९ । चउव्विहा चउप्प्या पं०० -एगखुरा दुखुरा गंडीपदा सणफदा, ३४ चविहा पक्खी पं०० - चम्मपक्खी लोमपक्खी समुग्गपक्खी विततपक्खी, ३५ चविहा खुड्डपाणा पं०० -बेइंदिया तेइंदिया चरिंदिया संमुच्छिमपंचिंदियतिरिक्खजोणिया ३६ १३५०चत्तारि पक्खी पं०२०- णिवत्तित्ता णाममेगे | नो परिवतित्ता परिवइत्ता नाम एग नो निवइत्ता एगे निवतित्तावि परिवतित्तावि एगे नो निवतित्ता नो परिवतित्ता, ३७ एवामेव चत्तारि भिक्खागा पं०० - णिवतित्ता णाममेगे नो परिवतित्ता०४, ३८ 1 ३५१ । चत्तारि पुरिसजाया पं०२०- णिकटे णाममेगे णिकटे निकटे नाममेगे अणिक० ४, ३९, चत्तारि पुरिसजाया पं०० - णिक नाममेगे निकट्टप्या निको नाममेगे अनिकट्टप्पा० ४, ४० चत्तारि पुरिसजाया पं०० -बुहे नाममेगे बुहे बुहे नामभेगे अबुहे० ४,४१ चत्तारि पुरिसजाया पं०२०- बुधे नाममेगे बुधहियए ४,४२| चत्तारि पुरिसजाता पं०२० -आयाणुकंपते पाममेगे नो पराणुकंपते ४, ४३ । ३५२ । चविहे संवासे पं०२० - दिव्वे आसुरे रक्खसे माणुसे १, चविधे संवासे पं०२० -देवे णाममेगे देवीए सद्धिं संवासं गच्छति देवे नाममेगे असुरीए सद्धिं संवासं गच्छति असुरे णाममेगे देवीए सद्धि संवासंगच्छइ असुरे नाममेगे असुरीए सद्धिं संवासं गच्छति २, चउविधे संवासे पं०० - देवे नाममेगे देवीए सद्धिं संवासं गच्छति देवे नाममेगे रक्खसीए सद्धिं संवासं गच्छति रक्खसे नाममेगे देवीए सद्धिं संवासं गच्छति रक्खसे नाममेगे | ॥श्रीस्थानाङ्ग सूत्र॥ | पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal
SR No.021003
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages221
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_sthanang
File Size14 MB
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