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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobetirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir से भिक्खू वा अभिकंखिजा उक्स्सयं एसित्तए अणुपविसित्ता गाम वा जाव रायहाणिं वा, से जं पुण उक्स्सयं जाणिज्जा|| सअंडं जाव ससंताणयं तहप्पगारे उवस्सए नो ठाणं वा सिज वा निसीहियं वा चेइज्जा से भिक्खू वा० सेजं पुण उवस्सयं जाणिज्जा अप्पंडं जाव अप्पसंताणयं तहप्पगारे उवस्सए पडिलेहित्ता पमजित्ता तओ संजयामेव ठाणं वा ३ चेइज्जा ॥ से जं पुण उवस्सयं जाणिज्जा अस्सिंपडियाए एगं साहम्मियं समुहिस्स पाणाई ४ समारब्म समुहिस्सकीयं पाभिच्चं अच्छिज अणिसट्टे अभिहडं आहट्ट चेहए, तहप्पगारे उवस्सए पुरिसंतरकडे वा जाव अणासेविए वा नो ठाणं वा ३ चेइज्जा । एवं बहवे साहम्मिया एगं साहम्मिणिं बहवें| साहम्भिणीओ ॥से भिक्खू वा० से जं पुण ३० बहवे समण० वणीमए० पगणिय २ समुहिस्स तं चेव भाणियव्वं ॥से भिक्खु वा० से जं० बहवे समण समुहिस्स पाणाई ४ जाव चेतिए, तहप्पगारे उवस्सए अपुरिसंतर० कडे जाव अणासेविए नो ठाणं वा ३ चेइजा, अह पुणेवं जाणिजा पुरिसंतरकडे जाव सेविए पडिलेहित्ता २ तओ संजयामेव चेइज्जा ॥ से भिक्खु वा० से जं पुण० अस्संजए| भिक्खुपडियाए कडिए वा उईबिए वा छन्ने वा लिने वा घटे वा मढे वा संभढे वा संपधुभिए वा तहप्पगारे उवस्सए अपुरिसंतरकडे जाव अणासेविए नो ठाणं वा सेज वा निसीहीयं वा चेइज्जा, अह पुण एवं जाणिज्जा पुरिसंतरकडे जाव आसेविए पडिलेहित्ता २ तओ चेइज्जा । २८७१ से भिक्खू वा० से जं पुण उवस्मयं जा० अस्संजए भिक्खूपडियाए खुड्डियाओ दुवारियाओ महल्लियाओ कुज्जा, जहा पिंडेसणाए जाव संथारगं संथारिजा बहिया वा निनक्षु तहप्पगारे उवस्सए अपु० नो ठाणं ३, अह पुणेवं, पुरिसंतरकडे आसेविए | ॥श्रीआचारङ्ग सूत्र | पू. सागरजी म. संशोधित For Private And Personal Use Only
SR No.021002
Book TitleAgam 02 Ang 02 Sutrakrutang Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurnachandrasagar
PublisherJainanand Pustakalay
Publication Year2005
Total Pages147
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_sutrakritang
File Size12 MB
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