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छिद्दम्मि कंठदीणार-कुडिय-कुणिया-कुडीर-कुच्छिल्ला । कणियारिय-कण्णस्सरिया काणच्छी, वई कलंकवई ॥१९८ ।। जवणीइ कंडपडवा, कइलबइल्लो य सइरवसहम्मि। पासजुयलापवत्ते कडाहपल्हत्थियं चेव
॥ १९९ ॥ कावी णीला, काओ लक्खे, कालं तमिस्सम्मि। कारा कोणू लेखा, कारं कडुयम्मि, काहली तरुणी ॥२०० ॥ कारिमं अवि कित्तिमए, कासारं सीसवत्तम्मि । काहारो परिखंधे, कासिज्जं कागथलदेसे
॥ २०१॥ कायंदी काणद्धी परिहासे, काहिलो य गोवाले। धुत्त-असहण-धणूसुं कालय-कावलिय-कालवट्ठाइं ॥२०२ ।। काणत्थेवो विरलंबुकणे, कालिंजणी वि ताविच्छे। कायंधुओ अ कायंचुलो अ कार्मिजलविहंगे ॥ २०३ ।। कारंकडो य फरुसे, कायपिउच्छा य कलकंठी। कामकिसोरो अ खरे, किण्णं सोहंतए, किरो कोले ॥२०४ ॥ किंबोडो खलिए, किंकियं च धवलम्मि, किंपओ किविणे । किंजक्खो य सिरीसे, रच्छाए किलणि-कीलणिया ॥ २०५ ॥ लहुमच्छे किंधर-कुंधरा य, सप्पम्मि किक्किंडी। कहिए किलिम्मियं, तह लक्खारत्तम्मि किमिरायं ॥२०६ ॥ किमिहरवसणं कोसेयए य, णवहहूई कीलकुकुलाओ। वेणुमयउच्छुपीडणकंडे कुंडं च, कुटुं अच्छरिए कुक्खी कुच्छी, कुल्हो य सियाले, पोट्टले कुंटी। कुंभी सीमंताई, कुदं बहु, मंजरी कुंती
॥ २०८॥ कुट्टा-कुमारि-कुट्टयरी-कोसट्टइरियाउ चंडीए । कुहियं लित्तम्मि, कुहेडो य गुरेडम्मि, तीमणे कुसणं ॥२०९ ।।
॥ २०७॥
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