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दाहिणभरहद्ध उसू, पणयाल सया कलाणुपणुवीसा । वेयड्डे पणसयरी, चउपण्ण सया कलाणं तु एग तिग सत्त पण्णरस, इगतीस तिसट्टि होइ पणनउई। सयवग्गसंगुणसो, वियाण भरहाइणं उसुणो भरहाइउसू सोहिय, विक्खंभ इगुणवीसइगुणाओ। भागोऽवि य दायव्वो, एगुणवीसा य सव्वत्थ ओगाहूण विखंभ, मो य ओगाहसंगुणं कुज्जा । चउहि गुणियस्स मूलं, मंडलखित्तस्स सा जीवा जोयणसहस्सनवगं, सत्तेव सया हवंति अडयाला। बारस य कला सकला, दाहिणभरहद्धजीवाओ जीवावग्गं उसुणा, चउरम्भत्थेण विभय जं लद्धं । तं उसुसहियं जाणसु, नियमा वट्टस्स विक्खंभं उसुवग्गं छग्गुणियं, जीवावग्गम्मि पक्खिवित्ताणं । जं तस्स वग्गमूलं, तं धणूपढे वियाणाहि धणुवग्गाओ नियमा, जीवावग्गं विसोहित्ता । सेसस्स य छब्भाए, जं मूलं तं उसू होइ जीवाविक्खंभाणं, वग्गविसेसस्स वग्गमूलं जं। विक्खंभाओ सुद्धं, तस्सद्धमिसुं वियाणाहि गुणवीसलक्खतग्गुण, जीवावगं विसोहिऊणित्तो। मूलं लक्खेगुणवीससुद्धदलसव्व उसुकरणं नव चेव सहस्साई, छावट्ठाई सयाई सत्तेव । सविसेसकला चेगा, दाहिणभरहद्ध धणुपट्टे दस चेव सहस्साइं, जीवा सत्त सयाइं वीसाइं। बारस य कला उणा, वेयड्डगिरिस्स विण्णेया
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