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सामण्णेणं चउविह, सुरेसु बारस मुहुत्त उक्कोसो | उववायविरहकालो, अह भवणाईसु पत्तेयं
भवण वण जोइ सोहम्मीसाणेसु मुहुत्त चउवीसं । तो नवदिण वीसमुहू, बारसदिण दस मुहुत्ता य बावीस सदीया, पणयाल असीइ दिणसयं तत्तो । संखिज्जा दुसु मासा, दुसु वासा तिसु तिगेसु कमा वासाण सया सहस्सा, लक्खा तह चउसु विजयमाईसु । पलिया असंखभागो, सव्वद्वे संखभागो य
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सव्वेसि पि जहण्णो, समओ एमेव चवणविरहोवि । इग दुति संखमसंखा, इग समए हुंति अ चवंति नरपंचिदिय तिरिया, णुप्पत्तीसुरभवे पजत्ताणं । अज्झवसायविसेसा, तेसिं गइ तारतम्मं तु
नर तिरिअसंखजीवी, सव्वे नियमेण जंति देवेसु । निय आउअसम हीणा, उएसु ईसाण अंतेसु
जंति समुच्छिम तिरिया, भवणवणेसु न जोइमाईसु । जं तेसिं उववाओ, पलियासंखंस आऊसु
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बालतवे पडिबद्धा, उक्कडरोसा तवेण गारविया । वेरेण य पडिबद्धा, मरिडं असुरेसु जायंति रज्जुग्गह विस भक्खण, जल जलण पवेस तण्ह छुह दुहओ । गिरिसिर पडणाउ मुया, सुहभावा, हुंति वंतरिया तावस जा जोइसिया, चरग परिव्वाय बंभलोगो जा । जा सहस्सारो पंचिदितिरिअ जा अच्चुओ सड्ढा जइलिंगमिच्छदिट्टि, गेविज्जा जाव जंति उक्कोसं । पयमवि असद्दहंतो, सुत्तुतं मिच्छदिट्ठी उ
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