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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org जुलेण य पणगुद चउरुदओ पुणिक्कयम्मि संजलणे । वेण यजुयलम्मिय दुगोदओ जुयलविगमम्मि वेयस्स पुणो विगमे संजलणकसायमेगमुदयम्मि । इय दिसिमित्तं भणिया एगेगपगारओ उदया अट्ठग-सत्तय-छ-च्चउ-तिग- दुग - इक्काहिया भवे वीसा । तेरस बारिक्कारस पण चउ ति दुइक्क मोहस्स संतद्वाणा पनरस अडवीसा ताव इत्थ सुपसिद्धा । सम्म उव्वलिए सगवीसा होइ संतम्मि Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मीसम्म उ छव्वीसा अणाइमिच्छस्स अहविमा नेया । अणुबंधीणुव्वलणे चवीसा मिच्छपुंजम्मि खवियम्मी तेवीस बावीसा मिस्सपुंजखवणम्मि । सम्मत्तपुंजखवणे इगुवीसा खवगसम्मस्स अट्टकसाए खविए तेरस बारस नपुंसवेयखए । श्रीवेयखएक्कारस खीणे छक्कम्मि पंचेव पुमवेयखए चउरो तिण्णि उ कोवम्मि दुण्णि माणम्मि । मायाखयम्मि एक्को इय भणियं सयलमोहणियं तेवीस पण्णवीसा छव्वीसा अट्ठवीस इगुतीसा । तीसेगतीसमेगं बंधट्ठाणाणि नामस्स तेवीस पणवीसा छण्णवहिय वीस तीस एयाणि । मिच्छद्दिट्ठी बंधइ तिरियगईए निमित्ताई एगिंदियपाउग्गाणि बंधठाणाणि तिण्णि पढमाणि । तत्थ च तेयगकम्मगवण्णाइचउक्कयं चेव अगुरुलहू उवघायं निम्माणं नव इमाउ धुवबंधा | तिरियगई एगिंदियजाई ओरालियं हुंड ૧૨૪ For Private And Personal Use Only ॥ १२ ॥ ॥ १३ ॥ ॥ १४ ॥ ॥ १५ ॥ ॥ १६ ॥ ॥ १७ ॥ ॥ १८ ॥ ॥ १९ ॥ ॥ २० ॥ ॥ २१ ॥ ।। २२ ।। ॥ २३ ॥
SR No.020964
Book TitleShastra Sandeshmala Part 23
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinayrakshitvijay
PublisherShastra Sandesh Mala
Publication Year2009
Total Pages430
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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