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एयव्विवरीया पुण सज्झायपरा जियंदिया धीरा । धम्मम्मि रज्जमाणा ते साहू जागरा पवरा दुब्बलियत्तं? साहु बलियत्तं? जिण जयंति ! पावाणं । दुब्बलियत्तं सेओ सद्धम्माणं तु बलियत्तं दक्खत्तं आलसियत्तमुत्तमं जिण जयंति ! आलस्सं । पाविट्ठदुद्रुचिट्टे सिटुं सड्ढे लोए दवखत्तं पुण पुच्छेइ जयन्ती भंते सोइन्दियस्स वसगो कि? । बंधइ चिणइ उवचिणइ जयंति ! सिय सत्त सिय अट्ठ कम्मपगडीओ दढं बन्धइ पकरेइ चिणइ उवचिणइ। लोयणघोणारसणाफरिसणवसगावि एमेव एवं विणिच्छियट्ठा पहट्टतुट्ठाऽभिवन्दि वीरं । सामण्णमऽसामण्णं देवाणन्द व्व काऊणं निद्दलियघाइकम्मा केवलमुप्पाडिऊण य जयन्ती। भवघाइकम्महरणा सिवमयलमणुत्तरे पत्ता भगवइबारसमसया बियउद्देसाउ पगरणं एयं । सपरोभयसरणत्थं उद्धरियं माणसूरिहिं
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