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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir [ ११ ] टुकड़े टुकड़े होकर कई छोटे छोटे बादशाहों में बँट गये जो उन्हीं के नौकरों में से थे। ___ इन छोटे छोटे बादशाहों में सबसे बड़े कुलबरगे के ब्राह्मणी बादशाह थे। इनका मूल पुरुष हसन नाम एक गरीब मुसलमान दिल्ली में गांगू नाम एक ज्योतिषी की नौकरी करता था । उसी के बरदान और सहारे से मोहम्मद तुग़लक़ के पास नौकर होकर दक्षिण में गया और वहाँ बे बन्दाबस्ती देख कर बादशाह बन बैठा और अपना नाम हसन गांगूय ब्राह्मणी रक्खा। उसके वंश में इतने बादशाह हुए। १ हसन गांगू ब्राह्मणी . ... ... ७४८ १४०४ २ मोहम्मद शाह ब्राह्मणी हसन का बेटा ... ७५९ १४१५ ३ मजाहदशाह ब्राह्मणी मोहम्मदशाह का बेटा ७७६ २४३१ ४ दाऊद शाह ब्राह्मणी हसन का बेटा ... ७७९ १४३४ ५ महमूद शाह ब्राह्मणी हसन का बेटा ... ७७९ १४३४ ६ गयासुद्दोन ब्राह्मणी महमूद शाह का बेटा ... ७१९ १४५३ ७ शमसुद्दीन ब्राह्मणी महमूद शाह का बेटा ... ७९९ १४५३ ८ फीरोजशाह ब्राह्मणी दाऊदशाह का बेटा ... ८०० १४५४ ९ अहमदशाह ब्राह्मणी फ़ीरोज़शाह का भाई ... ८२५ १४७८ २० अलाउद्दीन ब्राह्मणी अहमदशाह का बेटा ... . ८३८ १४९१ ११ हुमायूशाह ब्राह्मणी अलाउद्दीन का बेटा ... ८६२ १५१५ १२ निजामशाह ब्राह्मणी हुमायूं का बेटा ... ८६५ १५१७ १३ मोहम्मदशाह ब्राह्मणी निजामशाह का बेटा ८६७ १५१९ For Private and Personal Use Only
SR No.020950
Book TitleYavanraj Vanshavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDeviprasad Kayastha
PublisherIndian Press Prayag
Publication Year
Total Pages43
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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