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त्यो ये स्वजी ॥ ९४ ॥ प्रोशियाला प्रां गरिखे भो ॥ संपादैयाकरबाजी कालावालाको डर करे परा ॥यरमां न दियेगरवाजी ॥ १५ ॥ प्रो शरिये उनोच्प्रन्नविन्या ॥ कं पे थरथरका याजि ॥ छ रुस शाकवाला गां ॥ नजुबेस, मुंजायाजी ॥ २६ ॥ पछे कडे घडी दे पछि ॥ या पोरा में
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