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य. नंदराम कहे ॥ ५१ ॥ कडवां ॥ ३ ॥ ३२ पूर्वछांयो ॥ प्रभुविमुखजे या पि
यो ॥ यांमेपलीक मां दुख ॥ क्रत निजे कुबुद्धि ॥ तेनें क्रांये न हो य स्कख ॥ १॥ परली के पीडाषांमशे ॥ आ जो कें दुखप्रपा र ॥ कख शां तिक्यांथिल है । रावा पापनाकर नार ॥ २ ॥ बालजीवनवृद्दमां ये॥
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