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य.
नंसंगतमपुरजवाये ॥ २८ ॥ कोय
१ कम है त निःप्रोसल ई ॥ करेकुक्क ||बे समयई || मेलिस रात्री हम
|| करेन जे ममाने प्रापणुं ॥ |२९|| एक ब्रह्म कइनमा वे लोक ॥। क दे कर्मधर्म सर्वे फोक ॥ करेकाच पुन्यय कि पाडे ॥ ने मां निर्दोष परदे रवाडे ||३०|| ए वान रजे हो या भागी
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