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य. जाये ॥ २॥ विचित्र पे पेव लिवलि पुछे पुरनां रेनार ॥ मनुष्यदेदपा मिरामि ॥ नेंनर फटकार ॥ ३॥ देवइले नेदं दुनें ॥ तेषां म्यां तीतुं पा पिया ॥ तद दे देंध मंग्चापि ॥ अधमंातिशेयादिया ॥ ४ ॥ न्याये मुकिप्रन्याये किधी नाव्योमदाम घनारगे ॥
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