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चांचया ॥ ६ ॥ रामेध्ये मा. युष खोइ ।। जो इन इंचिच्यारी बात सबंधिना सल कार तो ॥ क स्पांक प दिद्गायात ॥७॥ सानां मांस निसंगत्यें ॥ कस्यांच्यामोपपा र। कुशल रेवानुंक्यांय कि ॥ खर! खचरा विमार ॥ ८॥ सोपाइ ॥ तेनें किंकरक छे भाई ॥ तनेंसं
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