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मर्थछे ॥ विंगारूत ने बखां ६७ व गोव्ये ॥ रामां शियो प्रर्थ से ॥ ६ ॥ अन्य सुमननि सज्य सा ॥ मतिप्रा ग्रहको करे। संसाशृंगनिशिवि कायें || बेनेन बेटे सुसरे ॥ ७॥ज पत्तपतिरयजी गजग्न ॥ दानपुन्य व्रतविधिमलिकेने रथेकर ढुं ॥ पामना रो न मलेवलि ॥ ॥ पु
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