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बां ॥ ६ ॥ पूर्वछांयो ॥ प्रातुं सांभ लिवन ॥ रखेंउ र विच्यार ताराम ।।जी व व स्कवेंज डे नहि ती दुःखभोगव शे के मवलि को ये क के शो जीव जिलो॥मोम धिप्रतिविशेष॥अले अखंड राह बजे सडे सके न दिले ज्ञा ॥ २॥ चलि को ये करा मर्क कथो जीवन झवरूप ॥ कर्मा
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