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नच्या वे मारे पशुं ॥ का ढोकाटोक रेजी ॥ २१॥| रग रग मां रोकि ते वारें |बंध पवनलाइ कि धोजी । सूक्ष मरुयधरि सोधिनें ॥ पल मांयक
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रिलिधोजी ॥ २२॥मा रिमुद्गरगा ||दागरजी ॥ बांध्मो बे उ हाचें जी ॥ पा ये ऊं किरा सां कल सा रि ॥ मा रिली धो साथै जी ॥ २३ ॥ मुसो जेम मंजा
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