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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सूत्रयेत ७६२ संगणक-जनित व्यावहारिक संस्कृत-धातु-रूपावली सूत्र (वेष्टने, चुरादिगण, परस्मै, लङ्) असूत्रयत् असूत्रयताम् असूत्रयन् असूत्रयः असूत्रयतम् असूत्रयत असूत्रयम् असूत्रयाव असूत्रयाम सूत्र (वेष्टने, चुरादिगण, परस्मै, विधिलिङ्) सूत्रयेताम् सूत्रयेयुः सूत्रयः सूत्रयेतम् सूत्रयेत सूत्रयेयम् सूत्रयेव सूत्रयेम सूत्र (वेष्टने, चुरादिगण, परस्मै, लिट्) सूत्रयाञ्चकार सूत्रयाञ्चक्रतुः सूत्रयाञ्चक्रुः सत्रयाञ्चकर्थ सूत्रयाञ्चक्रथुः सूत्रयाञ्चक्र सूत्रयाञ्चकार सूत्रयाञ्चकृव सूत्रयाञ्चकृम सूत्र (वेष्टने, चुरादिगण, परस्मै, लुट्) सूत्रयिता सूत्रयितारौ सूत्रयितारः सत्रयितासि सूत्रयितास्थः सूत्रयितास्थ सूत्रयितास्मि सूत्रयितास्वः सूत्रयितास्मः सूत्र (वेष्टने, चुरादिगण, परस्मै, लट्) सूत्रयिष्यति सूत्रयिष्यतः सूत्रयिष्यान्त सूत्रयिष्यसि सत्रयिष्यथः सूत्रयिष्यथ सूत्रयिष्यामि सूत्रयिष्यावः सूत्रयिष्यामः सूत्र (वेष्टने, चुरादिगण, परस्मै, आशीर्लिङ्) सूत्र्यात् सूत्र्यास्ताम सूत्र्यासुः सूत्र्याः सूत्र्यास्तम् सूत्र्यास्त . सूत्र्यासम् सूत्र्यास्व सूत्र्यास्म सूत्र (वेष्टने, चुरादिगण, परस्मै, लुङ्) असुसूत्रत् असुसूत्रताम् असुसूत्रन् असुसूत्रः असुसूत्रतम् असुसूत्रत असुसूत्रम् असुसूत्राव असुसूत्राम For Private and Personal Use Only
SR No.020942
Book TitleVyavaharik Sanskrit Dhatu Rupavali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGirishnath Jha, Sudhirkumar Mishra, Ganganath Jha
PublisherVidyanidhi Prakashan
Publication Year2007
Total Pages815
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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