________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
अभक्षयत
अभक्षयथाः अभक्षये
www.kobatirth.org
संगणक - जनित व्यावहारिक संस्कृत धातु रूपावली
भक्ष (अदने, चुरादिगण, आत्मने, लोट्)
भक्षयताम्
भक्षयेताम्
भक्षयस्व भक्षयै
भक्षये स्व भक्षयावहै
भक्ष (अदने, चुरादिगण, आत्मने, लङ्)
अभक्षयेताम्
अभक्षयेथाम
अभक्षयावहि
भक्ष (अदने, चुरादिगण, आत्मने, विधिलिङ्)
भक्षयेत
भक्षयेथाः भक्षयेय
भक्ष (अदने, चुरादिगण, आत्मने, लिट्)
भक्षयाञ्चक्रे भक्षयाञ्चकृषे भक्षयाञ्चक्रे
भक्ष (अदने, चुरादिगण,
भक्षयिषीष्ट
भक्षयिषीष्ठाः भक्षयिषीय
भक्षयेयाताम्
भक्षयेयाथाम्
भक्षयेवहि
भक्षयाञ्चक्राते
भक्षयाञ्चक्रा भक्षयाञ्चकृवहे
भक्ष (अदने, चुरादिगण, आत्मने, लुट् )
भक्षयिता
भक्षयितासे भक्षयिताहे
भक्षयितारौ
भक्षयितासाथे
भक्षयितास्वहे
भक्ष (अदने चुरादिगण, आत्मने ऌट्)
भक्षयिष्यते भक्षयिष्यसे भक्षयिष्ये
भक्षयिष्येते
भक्षयिष्येथे
भक्षयिष्याव
आत्मने, आशीर्लिङ्)
भक्षयिषीयास्ताम् भक्षयिषीयास्थाम्
भक्ष
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
For Private and Personal Use Only
भक्षयन्ताम्
भक्षयध्वम्
भक्षयाम है
अभक्षयन्त
अभक्षयध्वम् अभक्षयामहि
भक्षयेरन भक्षयेध्वम्
भक्षयेमहि
भक्षयाञ्चक्रिरे
भक्षयाञ्चकृढ़वे भक्षयाञ्चकृवमहे
भक्षयितारः
भक्षयिताध्वे भक्षयितास्महे
भक्षयिष्यन्ते
भक्षयिष्यध्वे
भक्षयिष्यामहे
४६३
भक्षयिषीरन् भक्षयिषीध्वम् भक्षयिषीमहि