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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (४७) रियाजी, जवरी वाग सागरगंजहोय॥वाग०॥१४॥ लखनउ जाय अयोध्यामेंजी, चाट्योमेरु अमरकर नाम ॥ मेरु० ॥ फिर जोपाल उज्जेनसुंजी, आया अपणपुर रतलाम ॥ अपणे ॥ १५॥वाग सोहाणे वीचमेंजी, वृाजे मंदिर श्री जिन देव ॥ मंदिर ॥ अमियकराचं प्रजराजकीजी, थावे नित ५ अधिकेसेव ॥ नितम् ॥ १६ ॥ मंदिरश्री दत्तसरिकोजी, नीतरझाननंमारसोहाय ॥ ज्ञान० ॥ नावेनवि जननावनाजी, मिलनरनारी मंगलगाय ॥ नर० ॥ १७ ॥ पाठशालादत्तसूरिकीजी, साथेलायब्रेरीकुशलसूरिंद ॥ लाय० ॥ रूपकुंवर एकरावियाजी, मिलफूलकुंवरयाणंद ॥ फूल० ॥ १७ ॥ रायसाहबकेशरिसिंहजी, मानेयाज्ञाहुक्मअनेक ॥ आझा० ॥ विनयजोपालत बिंदणोजी, फूलकुंवरवृद्धिविधलेख ॥ कुंवर० ॥ १५ ॥ जगणीसे सित्तरे जेठमेजी, वदवारसदिनगुरुवार ॥ वार ॥ जेशाणे वमेरेउपासरेजीशुजस्तवनकरयोतेय्यार ॥ स्तवनम् ॥ वृद्धिचंदगुरुजैनकाजी, देवेधर्म तणाउपदेश ॥ धर्म ॥ तेजकविकथविनवेजी, गुणगावे हृदयहमेश ॥ गावे ॥ २१॥ इति पदं सम्पूर्णम् ॥ For Private and Personal Use Only
SR No.020916
Book TitleVruddhi Ratnamala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVruddhiratnamuni
PublisherKeshrisinhji Saheb
Publication Year1915
Total Pages52
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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