________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsun Gyanmandir
वि टी.
聚器器兼器兼器器崇崇凝器業業業業業業
महमहालियाएपरिसाए विचित्तंधम्ममाइक्खडूजहाजीवाबका तीत्यादिपरिसाजावपरिगतयाजाअंतिजारारभ्यांधोजात्यन्धः
रइतएणंसेभगवंगोयमेतं जाइअंधंपुरिसंपासईश्त्ता जायसड्डेजावएवंव०अत्थिणभंतेकेईपुरिसेजाइ अंधेजा धारूवे हंतात्थिकहिणंभंतेसेपुरिसेजाबंधे जाधारू वेएवंखलुगो० इहेवमिया गामेणयरविजयस्मखत्तियस्म पुत्तेमियादेवीएअत्तए मियापुत्तेणामंदारए जाधे जाइबंधा
रुवेनस्थिणंतस्सदारगस्स जावागितिमित्तेतएणंसामियादेवी जावपडिजागरमाणोर विहरतए भावतोयकोविचरेके तिवारपछीतेभगवंतगोतमे तेजातिअंधपुरुषनेदेखेदेखीनेएहवीबहाउपनीएतावता एहवोसंदेहजपनोळे यावत् दूमकहेले हेपज्यकोई पुरुषजन्मान्ध जातिधपुरुषऊपनो तिहांछे किहांके हेपूज्यतेपुरुषजाति आंधोजांण्यो जातिमधऊपनो इमनिचे हेगोतम इहांगगामनगरनेविषे विजयक्षत्रीनो पुनमगादेवीनो अंगजात मुगापुत्रनामावालक जन्मांधण्योजातिबंध अपनो नयी बालकने हाथपगउपांगादिकशेषपूर्ववत् जिहांलगे आकारमात्र द्रौके तिवारपछौ तेसगावतीराणी यावत्थब्दयकी
辦辦講業業業需業業器業業器器業需继器器
भाषा
For Private and Personal Use Only