________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kelashsagarsuri Gyanmandir संहि. उ. अ. // 24 // ण:शुण्ण्ठाको झ्यालोहकर्णस्तत्वाष्ट्राश्कृष्ष्णग्ग्रीवलशितिक / क्षौजिसक्थस्तऽऐन्द्राग्नाश्कृष्ष्णाञ्जिरल्प्पाजिर्महाञ्जिस्तऽउप / / स्याः॥४॥ शिल्प्पावैश्वदेव्यः॥ शिल्प्पावैश्वदेच्योरोहिण्य 3 स्यवयोवाचेविज्ञाताऽ अदित्यैसरूपाधात्रेवत्सतर्योदेवानाम्प 2 नीब्भ्य॥५॥ कृष्ष्णग्ग्रीवाआग्नेया। शितिभ्रवोवसूना रोहितारुद्राणश्वेताऽअवरोकिणऽ आदित्यानान्नभौरूपाल्पा - // 31 // जन्न्याः // 6 // उन्नतऽऋषभ: // उन्नतऽऋषभोवामुनस्तऽऐन्द्रा For Private And Personal