________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir HASSANASSA ASSHOHTAISIAIS किखिद्धिमस्यभेषजङ्किम्म्वावनिम्महत् // 9 // सूर्यऽएका / की। चरतिचन्द्रमांजायतेपुनः॥ अग्निर्हिमस्यभेषजम्भूमिरा / वनम्महत् // 10 // काखित् // काबिंदासीत्पूर्वचित्तिलकिला खिदासीहवयः // काखिदासीपिलिपिलाकाखिदासीत्पिश हैङ्गिला॥११॥ द्यौरासीत् // द्यौरासीत्पूर्वचित्तिरश्चऽआसीद्हव / य’ // अविरासीत्पिलिप्पिलारात्रिरासीत्पिशङ्गिला // 12 // [8] वायुष्वा / पचुतैवत्वर्सितग्ग्रीव छागैर्युग्योधश्चमसैशम्म For Private And Personal