________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir ACCASAMANARSA महशोशुंचानोविश्चाद्वेषांसिप्प्रमुमुग्ध्यस्म्मत्॥३॥ सत्वम्॥ सत्वन्नोऽअग्नेवमोभवोतीनेदिष्ठोअस्याऽउषसोध्यष्टो॥अवयवश्व / / नोबरुणतरराणोब्बीहिमृडीकन्सुहवोन एधि // 4 // महीमषु / / मातरम्सुब्बतानामृतस्युपत्नीमर्वसेहुवेम // तुविक्षत्रामजन्ती / / मुरूचीसुशौणमदितिसुष्प्रणीतिम् // 5 // सुत्रामाणम्प्ट / थिवीम् // सुत्रामाणम्पृथिवीन्द्यामनेहसं सुशाणमदितिन्सुर प्रणीतिम् // दैवीन्नावखरित्रामागसमस्रवन्तीमारुहेमास्व / / For Private And Personal