________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir संहि. उ. अ. // 17 // 22 // हाविष्णवेनिभूयपायस्वाहाविष्णवेशिपिविष्टायस्वाहा // 20 // विश्वौदेवस्य। नेतुर्मत्तौबुरीतसख्यम्॥ विश्चौरायऽइपुयतिद्युम्नं 3 वृणीतपुष्ष्यसेवाहा // 21 // [1] आबहमन् // आबहमन्बाहम / णोबमवर्चसीजायतामाराष्ट्रराजन्युहशूरऽइषच्योतिघ्याधीम। हारथोजायतान्दोग्ध्रीधेनुर्बोढानडानाशु सप्तित्पुरन्धिर्योषा: जिष्ष्णूरथेष्ठाश्सभेयोयुवास्ययजमानस्यवीरोजायतानिकामनि // 17 // कामेनपर्जन्यौवर्षतुफलवत्योनऽओषधयत्पच्यन्तांय्योगक्षेमो 3 For Private And Personal