________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir अश्चिनेकृतस्यत॥ अश्चिनकृतस्यतेसरखतिकृतस्येन्द्रेणसुत्राम्म्णां है। कृतस्य॑ // उपहूतुऽउपहूतस्यभक्षयामि // 35 // [4] समिद्धऽइ / इन्द्रः // समिद्धऽइन्द्रेऽउपसामनीकेपुरोरुापूर्वकृवावृधान? // // त्रिभिद्देवैस्विशताबज्रबाहुर्जघानवृत्रंविदुरौबवार // 36 // नरा। शसहप्रतिनिराशसहप्रतिशूरोमिमानस्तनूनपात्प्रतियज्ञस्य / / धाम // गोभिर्वपावान्मधुनासमजन्हिरेण्ण्यैश्च्चन्द्रीयजतिष्प्रचे / ताई // 37 // ईडितोदुवै // ईडितोदेवैर्हरिवॉ२ऽअभिष्टिराजुह्वा / ASCANC4X4MANOCRACOC - For Private And Personal