________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir संहि. सोममन्याच्यपिबुच्छन्दसाहुसश्शुचिषत् // ऋतेनसत्यमिन्द्रि / पू. // 185 // यविपान शुक्रमन्धसइन्द्रस्येन्द्रियमिदम्पयोमृतम्मधु // 74 // ११००शतम् ॥अन्नात्परिनुतः // अन्नात्परिस्रुतोरसम्ब्रह्मणा है। घ्यपिबत्क्षुत्रम्पयत्सोमम्प्रजापति // ऋते सत्यमिन्द्रियविपा इन शुक्रमन्धसऽइन्द्रस्येन्द्रियमिदम्पयोमृतम्मधु॥७५॥ रेतोमू / ब्रम्॥ रेतोमूत्रंधिजहातियोनिम्प्रविशदिन्द्रियम् // गर्भोजरायु // 15 // मातऽउल्वञ्जहातिजन्मना // ऋते सत्यमिन्द्रियविपानशु है HASIERASHUSHAUS For Private And Personal