________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir कम्मधुमन्तामन सुतस्युयदिभक्षयामि ॥३१॥-स्वधा **AERATAS श्चिना / नमुचेरासुरादधिसरस्वत्यसुनोदिन्द्रियाय // इमन्तशु क्रम्मधुमन्तमिन्दुत्सोमराजानमिहभक्षयामि ॥३४॥यद // यदत्ररिप्तसिन सुतस्युयदिन्द्रोऽअपिबच्छचीभिः॥अहन्त / / दस्युमनेसाशिवेनसोमराजानमिहर्भक्षयामि // 35 // पितृभ्यः खधायिब्भ्यः / स्वधानम-पितामहेभ्य:खधायिभ्य स्वधा / नमप्रपितामहेब्भ्यस्खधायिभ्य:खधानमः॥अक्षन्पितरोमी / मदन्तपितरोतीतृपन्तपितरपितरत्शुन्धद्धम् // 36 // पुनन्तुमा / For Private And Personal