________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir SAMACARAICCRACHAROKAR श्चतस्रोवापरावतः // वाजौनोविश्चद्देवैर्द्धनसाताविहावतु॥३२॥३॥ वाजोन॥वाजोनोऽअद्यप्रसुवातिदानबाजौदेवाँ२ऽऋतुर्भिक ल्प्पयाति // बाजोहिमासर्ववीर जानविश्वाऽआशावाजपतिर्ज है। येयम् // 33 // वाज:पुरस्तात् // वाज:पुरस्तादुतर्मयतोनोबाजी / / देवान्हुविवर्द्धयाति ॥वाजोहिमासर्ववीरञ्चकारसर्वाऽआशावा / जपतिर्भवेयम् // 34 // सम्मा। सृजामिपयसापृथिच्याश्सास है जाम्म्यद्भिरोषधीभिः // सोहव्वाजसनेयमग्ने ॥३५॥पयःपृथि **** For Private And Personal