________________ Shri Mahavir Jain Aadhara Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kalashsagarsuri Gyanmandir णुष्वत्रतूय्यै // येनासमत्सुसासह // 39 // येनासुमत्सु / सास / होस्त्थुिरातनुहिभूरिशद्धताम् // बनेमातेऽअभिष्टिभिः // 40 // 3 अग्निन्तम्॥अग्निन्तम्मन्येयोवसुरस्तुय्यंग्यन्तिधेनवः॥अस्तु / मन्तऽआशवोस्तुन्नित्यासोबाजिनऽइपस्तोतृभ्युऽआभर // ॥४१॥सोऽअग्निः // सोऽअग्निोबसुर्गुणेसंख्यमायन्तिधेन / // समवन्तोरघुद्रुवत्सन्सुजातास:सूरय इषस्तोतृब्भ्यः आभैर॥४२॥ उभेसुश्चन्द्र / सर्पिषोदवीश्रीणीषऽआसनि / / For Private And Personal