________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir SAMACOCCASILCARSEX // 31 // [4] इतिश्रीवाजसनेयसंहितायांचतुर्दशोऽध्यायः॥१४॥ श्रीवेदपुरुषायनमः // अनुवाक्सूत्रम् // अग्नेजातान्पंचरश्मिना / सत्यायचतस्रोराज्यस्ययंपुरःपंचकावग्निकोनत्रि शयेनऽऋ है षयोष्टौतपश्चनवसप्तपंचपष्टिः॥ हरिःॐअग्नैजातान् // अग्नेजा। तान्प्रणुदानसपत्नान्प्रत्त्यजातानुदजातवेदः // अधिनोबूहिसु / मनाऽअहैडॅस्तवस्यामशर्मास्त्रिवरूथऽउद्भौ॥१॥सहसाजातान् // 6 // सहसाजातान्प्रणुदानासपत्नान्प्रत्यजाताजातवेदोनुदख // . For Private And Personal