________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir // 119 // // 14 // संहि त्वासर्ऋतुभि सर्विधाभि सजूरु सजुर्दैवैवयोनाधैरग्नये त्त्विावैश्वानरायाश्चिनाद्धयूंसादयतामिहत्त्वासजूक्रतुभिःसजू विधाभिः सजूरादित्यैश्सजूद्देवैर्वयोनाधैरग्नयेत्त्वावैश्वानराया श्चिनाद्धयूंसादयतामिहत्त्वासजूर्ऋतुभिः सजूर्विधाभिःसजूर्वि / श्चैवैश्सजूद्देवैवयोनाधैरग्नयैत्त्वावैश्वानुरायाश्चिनायूंसादय / तामिहत्त्वा॥ ७॥प्पणम्मे। पाह्यपानम्मैपाहिध्यानम्मैपाहिच / झुमऽउाविभाहिश्श्रोत्रम्मेलोकय // अपश्पिन्वौपंधीजि !" // 119 // For Private And Personal