________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir // 13 // // 116 // तर // अयम्पुरोभुवस्तस्यप्राणोभौवायनोसन्तप्पाणायुनोगाय है। पू.अ. त्रिीवासन्तीगायत्र्यैगायत्रङ्गायुत्रार्दुपाशुरुपाठंशोस्त्रिवृत्रिवृतो रथन्तरंबसिष्टुऽऋषि:प्प्रजापतिगृहीतयात्त्वयाप्पाणहामिप्प | जाब्भ्यः // 54 // अयन्दक्षिणा। विश्वकर्मातस्यमनौवैश्वकर्मा / / हैणवीष्म्मोमानुसस्त्रिष्टुब्रॆष्म्मीत्रिष्टुभ स्वारस्वारादन्ता | मोन्तर्ध्यामात्पञ्चदुशपञ्चदुशाबृहद्भरद्वाज ऋषि प्रजापति | गृहीतयात्त्वयामनौगृह्णामिप्पजाब्भ्यः // 55 // अयम्पश्चात् // // 116 // For Private And Personal