________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kcbatrth.org Acharya Shri Kasagarsur Gyan ang RECACOCRACRECORRENCY हियातुजूनाजामिमजामिम्प्रमृणीहिशत्रून् // अग्नेष्ट्वातेजसासा दयामि॥१३॥अग्निर्मूर्द्धा / दिवश्ककुत्त्पतिः पृथिध्याअयम् // अपारेतासिजिन्वति // इन्द्रस्युत्त्वौजसासादयामि // 14 // भुवोयज्ञस्य॑ // भुवोयज्ञस्यरजसच्चनेतायत्रीनियुद्भित्सर्चसेशि / वाभिः // दिविमानन्दधिषेस्वर्षाजिह्वाम॑ग्नेचकृपेहव्यवाहम् / // 15 // [15] ध्रुवासि / धुरुणास्तृताविश्वकर्मणा // मात्त्वा है। समुद्रऽउद्वैधीन्मासुपर्णोथमानापृथिवीन्दृन्ह // 16 // पूजा है। For Private And Personal