________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir संहि. पू. अ. 55- // 11 // 2SDSEISONGSTOC जापतयेमनवेस्वाहाग्नयैवैश्चानुरायस्वाहा // 66 // विश्वौदेव / स्य। नेतर्मतौबुरीतसक्ख्यम् // विश्श्वौरायऽईपुड्यतिद्युम्नंवृणीत पुष्ष्यसेवाहा // 67 // मासु / भित्त्थामासुरिपोम्बधृष्ष्णुब्बीरय / स्वसु ॥अग्निश्श्चेदङ्करिष्ष्यथ ॥६८॥दृहखदेवि। पृथिविस्व / स्तयऽआसुरीमायास्वधाकृतासि॥जुष्टुन्देवेभ्य॑ऽडुदमस्तुहच्य / मरिष्ठात्वमुर्दिहियज्ञेऽअस्म्मिन्॥६९॥छैन्नत्सपिरासुतिप्प्रत्को / // 10 // होतावरेण्यः॥ सहसस्प्पुत्रोऽअद्भुतः॥७०॥शतम्॥५००॥परस्या For Private And Personal