________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir संहि. पू. अ. // 64 // धादिवमन्याततान॥सयज्ञधुक्क्ष्वमहिमेप्प्रजायरायस्पोवि श्वमायुरशीयवाहा // 62 // आपवस्व ॥आप॑वस्वहिरण्यवदश्वाव / त्सोमव्वीरवत् ॥वाजङ्गोमन्तमाभरखाहो // 63 // [10] // 23 // है। इतिश्रीवाजसनेयसंहितायांअष्टमोऽध्यायः ॥८॥श्रीवेदपुरुषाय है। नमः॥अनुवाक्सूत्रम्॥ देवसवितश्चतस्रइंद्रस्यवज्रःपंचदेवस्याह / / दशापयेतिस्रोवाजस्येममष्टावग्निरेकाक्षरेणैषतेचतुष्कौसविताद्वे | // 64 // अष्टौचत्वारिशत्॥ हरिःॐदेवसवितः // देवसवितहप्प्रसुवयुज्ञ For Private And Personal