________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatrth.org Acharya Shri Kailashsagarsur Gyanmandir सासहपीत्वीशिप्प्रेऽअवेपयह // सोममिन्द्रचमूसुतम् // उपयाम गृहीतोसीन्द्रीयत्त्वौजसऽएपतेयोनिरिन्द्रायत्त्वौजसे // इन्द्रौजि ठौजिष्टस्त्वन्देवेष्ष्वस्योजिष्टोहम्मनुष्प्येपुभूयासम् // 39 // [1] अदृश्श्रमस्य / केतवोविरश्म्मयोजनॉ२ ऽअनु // भ्राज॑न्तोऽहै। ग्नियौयथा // उपयामगृहीतोसिसूर्य्यायत्त्वान्भ्राजायैपतेयोनिः / सूर्य्यायत्त्वाभ्राजाय // सूर्यभ्राजिष्टुब्भ्राजिष्ट्रस्त्वन्दुवेष्वसि / भ्राजिष्ठोहम्मनुष्ष्येषुभूयासम्॥४०॥ [1] उदुत्त्यम् // उदुत्त्य / / CROCODACOCALCU094 For Private And Personal