________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir संहि. पू. अ. // 54 // // 8 // RECECR5523 त्व॥श्रदेस्म्मैनरोवर्चसेदधातनुयदाशी दम्पतीवाममश्नुत पुमान्पुत्रोजायतेविन्दतेवखाविश्वाहा रुपऽएंधतेगृहे॥५॥ [1] वाममद्य / सवितर्वाममुश्चोदुिवेदिवेवाममुस्म्मभ्यहसावी॥वा / / मस्युहिक्षयस्यदेवभूरैरयाधियावामुभाज:स्याम॥६॥ उपया मगृहीतोसि।सावित्रोसिचनोधाचनोधाऽअसिचनोमयिधेहि // जिन्वयज्ञञ्जिन्वयज्ञपतिम्भगोयदेवायत्त्वासवित्रे // 7 // [2] शतम् // 300 // उपयामगृहीतोसि। सुशर्मासिसुष्प्रतिष्ठानोबृह // 54 // For Private And Personal