________________ Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kcbatrth.org यजमानम्॥सञ्जग्म्मानोदुिवापृथिच्यामन्थीमन्थिशोचिपानिर / स्तोमर्कोमन्थिनौधिष्ठानमसि // 18 // [3] येदेवास॥येदेवासो / दिध्येकादशस्त्थपृथिव्यामद्येकादशस्त्थ // अप्प्सुक्षितोमहिनै है। कोदशस्त्थतेदेवासोयज्ञमिम पद्धम् // 19 // उपयामगृहीतो है सि // उपयामगृहीतोस्याग्ग्रयणोसिस्वाग्ग्रयण // पाहियज्ञम्पा / हियुज्ञपतिविष्ष्णुस्त्वामिन्द्रियेणपातुविष्ष्णुन्त्वम्पाह्यभिसर्वना निपाहि // 20 // सोमः पवते॥ सोम-पवतेसोमः पवतेस्म्मैवहम है। ARCHRISSAGARAM For Private And Personal