________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir CAUGHISAICAOCAO6testosteochotesty हिषादधुरिन्द्रियंवसुवनवसुधेयस्यध्यन्तुयजे॥४८॥ देवीरः॥३ देवीरोऽअश्चिनाभिषजेन्द्रेसरखती // प्राणन्नवीय॑न्नसिद्वारों दधुरिन्द्रियंवसुवनेश्वसुधेयस्यध्यन्तुयज // 49 // देवीऽउषासौ // देवीऽउपासांवश्चिनांसुत्रामेन्द्रेसरखती // बलन्नवाचास्य उषा भ्यान्दधुरिन्द्रियंवसुवने वसुधेयस्यच्यन्तुयजे // 50 // देवीजो। ष्ट्री॥ देवीजोष्टीसरखत्यश्चिनेन्द्रमवर्द्धयन् ॥श्रोत्रन्नकणयोर्य्य शोजोष्ट्रीब्भ्यान्दधुरिन्द्रियव्वसुवनैवसुधेयस्यव्यन्तुयज // 51 // For Private And Personal