________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir तिश्रीवाजसनेयसंहितायांअष्टत्रिंशोऽध्यायः पायनमः // अनुवाक्सूत्रम्॥ खाहापाणेभ्यः इश ॥हरिः स्वाहाप्पाणेभ्यः॥स्वाहाप्पा हब्भ्यस् // पृथिव्यै स्वाहाग्नयेखाहान्तरिक्षाय ॥दिवेखाहासूर्य्यायखाहा॥१॥दिग्भ्याखा नक्षत्रेभ्यत्स्वाहायश्वाहावरुणायुवाहा // रस्वाहा // 2 // वाचेखाहो / प्राणायखाहाप्पा : For Private And Personal