________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir संहि. उ. अ. // 116 // PROCESCALCULOADCASSAMHD / बाट् ॥वाहासूय॑स्यरश्मयवृष्टिवनये ॥६॥समुद्रायत्वा / वा / तायुस्वाहासरिराय॑त्वाबातायस्वाहा // अनाधृष्ष्यायत्वाबाताय / / स्वाहाप्प्रतिधृष्ष्यायत्वाबातायस्वाहा // अवस्यवैत्वाबातायखा है। हाशिमिदायत्वाबातायखाहो // 7 // इन्द्रीयत्ा / वसुमतेरुद्रवे / तेखाहेन्द्रीयत्वादित्यवतेखाहेन्द्रीयत्वाभिमातिग्नेखाहा ॥सवि / त्रेत्वेऽ ऋभुमतैविभुमतेवाजवतेखाहाबृहस्पतयेत्वाविश्वदेच्या वतेखाहो // 8 // [8] युमायुत्वाङ्गिरखतेपितृमतेखाहो // खाही / // 116 // For Private And Personal