________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir उ. अ. संहि. दारुजेवसु॥५॥अभीषण। सखीनामवितारितृणाम् ॥शुतम्भ / // 109 // वास्यूतिभिः॥६॥ कयात्वम् // कयात्वन्नऽऊत्याभिप्प्रमन्दसेवा पन्॥कयोस्तोतृभ्यऽआभर॥७॥इन्द्रोविश्वस्यराजति।शन्नोऽ स्तुद्द्विपदेशञ्चतुष्प्पदे॥८॥शनौमित्रशंवरुणशन्नोभवत्वर्युमा। शन्नऽइन्द्रोबृहस्पतित्शनोविष्ष्णुरुरुकुम॥९॥शन्नोबात पवार ताशन्नस्तपतुसूयं // शन्नत्कनिक्रददेवश्पर्जन्योऽअभिवर्षतु // ॥१०॥अहानिशम् // अहानिशम्भवन्तुनत्यरात्रीपतिधीय / 98062545454545940AM // 109 // For Private And Personal